क्या आपको पता है बस एक काम करने से आपके हर काम सिद्ध हो सकता है?
Radha Soami- क्या आपको पता है बस एक काम करने से आपके हर काम सिद्ध हो सकते हैं। बाबाजी बताते हैं कि भजन-सुमिरन एक ऐसा रास्ता है जिसके जरिये आपके हर काम बनते चले जाते हैं। भजन-सुमिरन से तो परमात्मा तक को प्राप्त किया जा सकता है। हमें भी गुरु के अनुसार भजन पर ध्यान देने की जरूरत है।
बाबाजी क्यों भजन-सुमिरन ज़ोर देते हैं?
बाबा जी अपने सत्संग में भजन-सिमरन पर बहुत जोर देते हैं। क्योंकि भजन-सुमिरन करने से आपके जीवन के हर कार्य बनते चले जाते हैं। आपके जीवन में दुख की कोई अहमियत नहीं रहती, दुख आता है, चला जाता है। हमें महसूस नहीं होता। क्योंकि हमें उस परमात्मा की बख्शीस मिली हुई है, नामदान मिला हुआ है। जिसके द्वारा हम इन दुखों से बिलकुल आसानी से पार निकल जाते हैं। ताकि आसानी से काम सिद्ध हो सके।
नामदान जिस मनुष्य को मिलता है, जो जीव इस पर अमल कर लेता है। भजन-सुमिरन पर अपना पूरा समय लगाता है। वह इन सब दुखों से, वस्तु से, बेकार की बातों से दूर हो जाता है और शांति से अपना जीवन व्यतीत करता है। क्योंकि उसकी जीवन में बाकी सब कार्यों का मायावी या सांसारिक वस्तुओं का कोई महत्व नहीं रह जाता।
कर्मों से आसानी से कैसे निपटे? जिससे काम सिद्ध हो।
बाबा जी फरमाते हैं कि जो भी जीव इस धरती पर आया है। उनके अपने कर्म होते हैं। उन कर्मों का भुगतान तो करना ही पड़ता है। मगर उन कर्मों से आसानी से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसलिए हमें किसी गुरू की शरण में जाना चाहिए। जो पूर्ण रूप से पूर्ण हो।
मनुष्य जन्म लेकर के उसका फायदा उठाना चाहिए। अपना काम सिद्ध कर सकते हैं। नामदान मिलने के बाद उस पर अमल करने के बाद वह पूरा हो जाता है। क्योंकि उसके हाथ एक है ऐसी चाबी लग गई है। जिसके द्वारा वह अपने निजधाम का ताला खोल सकता है। परमात्मा से मिलाप कर सकता है। इसलिए हमें भजन-सुमिरन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
।।राधास्वामी।।
- बाबाजी की ये बात शायद बहुत लोग नहीं समझ पाएं। क्या आप समझ पाये?
- बाबाजी के दिल्ली सत्संग प्रोग्राम में इन बातों का रखें ख्याल।
- भजन-सुमिरन की शक्ति के बारे मे बताया एक नामदानी सत्संगी ने
- नामदान से मुक्ति संभव नहीं अगर यह नहीं किया!
- बाबा जी की तबियत खराब। रद्द हुए सत्संग प्रोग्राम।